वर्ल्ड फूड इंडिया में आकर्षण का केंद्र बने आयुष खाद्य उत्पाद
आयुष मंत्रालय द्वारा वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 का आयोजन 19 सितम्बर से 21 सितम्बर 2024 तक प्रगति मैदान में किया जा रहा है।
विश्व खाद्य भारत 2024 कार्यक्रम के आयुष मंत्रालय के मंडप में आधुनिक पोषण एवं सम्पूर्ण स्वास्थ्य में आयुर्वेद और भारत की विभिन्न पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित किया गया, जिसने दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित किया। ये आयुर्वेद आहार पारंपरिक ज्ञान को समकालीन खाद्य समाधानों के साथ जोड़ते हैं।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के बारे में
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 21 सितम्बर, 2024 तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली में विश्व खाद्य भारत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। डब्ल्यूएफआई कार्यक्रम के दौरान 20 सितम्बर 2024 को पोषण में क्रांति: ‘आयुष फूड इनोवेशन्स फॉर ए सस्टेनेबल वर्ल्ड’ पर आयुष का एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने 19 सितम्बर को वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2024 के उद्घाटन के अवसर पर आयुष मंडप का दौरा किया। वहां पर उन्होंने आयुर्वेद को, आधुनिक जीवनशैली के संदर्भ में, मुख्यधारा के पोषण को स्वास्थ्य से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “आयुर्वेद आहार वैज्ञानिक रूप से समर्थित, समय के साथ परखा हुआ आहार समाधान प्रदान करता है जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। वर्ल्ड फ़ूड इंडिया इस प्राचीन ज्ञान को वैश्विक मंच पर लाने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है।”
मुख्य आकर्षण:
- वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में आयुष मंडप के आहारों में से मुख्य आकर्षणों में शुगर रोग, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी रोजमर्रा को प्रभावित करने वाली बीमारियों से निजात दिलाने वाले आयुर्वेदिक आहार उत्पाद शामिल थे।
- इस प्रदर्शनी में दर्शकों को यह दिखाया गया कि समग्र स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ाने के लिए रोज़ाना के खाने में आयुर्वेदिक सामग्री को शामिल किया जा सकता है।
- इनके अलावा आयुष मंत्रालय के मंडप में आयुर्वेदिक पोषण विशेषज्ञों के साथ लाइव प्रदर्शन और परामर्श की सुविधा को मुहैया कराया गया था। इन विशेषज्ञों ने आयुर्वेद के आधार पर व्यक्तिगत आहार संबंधी सलाह प्रदान की।
सार
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने विश्व खाद्य भारत 2024 द्वारा खाद्य एवं कृषि क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कंपनियों, नीति निर्माताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों को एक स्थान पर लाया गया। दुनिया भर से आए वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और हितधारकों की मौजूदगी में आयोजित इस कार्यक्रम में आयुर्वेद से प्रेरित भारत की समृद्ध खाद्य परंपराओं और मौजूदा वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम में एनआईए जयपुर में द्रव्य गुण विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. मीता कोटेचा, आयुष मंत्रालय की निदेशक विजय लक्ष्मी भारद्वाज, एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. काशीनाथ समागंडी, आरएवी की निदेशक डॉ. वंदना श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
9 नवंबर 2014 को गई।
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