भारत के राष्ट्रपति की न्यूनतम आयु का विषय छात्रों, राजनीति में रुचि रखने वालों और भारतीय संविधान को समझने वाले सभी लोगों के लिए काफी दिलचस्प होता है।
राष्ट्रपति का पद देश में लोकतांत्रिक नेतृत्व की सबसे ऊँची सीढ़ी है – यह भारत गणराज्य का सर्वोच्च संवैधानिक पद है और देश की एकता, अखंडता और गरिमा का प्रतीक माना जाता है।
लेकिन हर कोई राष्ट्रपति नहीं बन सकता। संविधान ने इसके लिए कुछ स्पष्ट योग्यताएँ और शर्तें तय की हैं। इन सब में सबसे महत्वपूर्ण है – राष्ट्रपति बनने की न्यूनतम आयु।
अगर आप जानना चाहते हैं कि राष्ट्रपति बनने के लिए कितनी उम्र चाहिए, क्या योग्यताएँ जरूरी हैं, चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है, और राष्ट्रपति के अधिकार क्या-क्या हैं – तो यह लेख आपके लिए है।
संवैधानिक आधार: राष्ट्रपति की न्यूनतम आयु कहाँ लिखी है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 58(1)(b) में साफ लिखा है:
“कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति पद के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक उसने **पैंतीस वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की हो।”
इसलिए, भारत में राष्ट्रपति बनने की न्यूनतम आयु 35 वर्ष है। अर्थात् कोई भी भारतीय नागरिक, जिसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष हो, राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है – बशर्ते वह अन्य संवैधानिक योग्यताएँ भी पूरी करता हो। यह आयु सीमा इसलिए रखी गई है ताकि पद पर बैठने वाला व्यक्ति परिपक्वता, अनुभव और राजनीतिक-सामाजिक समझ रखता हो।
35 वर्ष की आयु क्यों तय की गई?
संविधान निर्माताओं ने सोच-समझकर 35 वर्ष की उम्र तय की। उनका मानना था कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठने वाले व्यक्ति के पास पर्याप्त बुद्धिमत्ता, जीवनानुभव और संतुलन होना चाहिए।
कुछ प्रमुख कारण:
- राजनीतिक परिपक्वता: 35 की उम्र तक व्यक्ति देश और समाज की गहराई से समझ हासिल कर लेता है।
- प्रशासनिक दृष्टि: राष्ट्रपति को संवैधानिक प्रक्रियाओं और निर्णयों में सूझबूझ दिखानी होती है।
- अन्य पदों के अनुरूप: लोकसभा के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष, राज्यसभा के लिए 30 वर्ष है, इसलिए राष्ट्रपति के लिए 35 वर्ष उचित मानी गई।
- अंतरराष्ट्रीय उदाहरण: अमेरिका में भी राष्ट्रपति की न्यूनतम आयु 35 वर्ष है।
पात्रता की अन्य शर्तें (Article 58)
राष्ट्रपति बनने के लिए सिर्फ उम्र ही नहीं, और भी शर्तें हैं:
- भारतीय नागरिकता: उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आयु: 35 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए।
- लोकसभा के सदस्य बनने की योग्यता: उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ने योग्य होना चाहिए।
- लाभ का पद न हो: उम्मीदवार किसी सरकारी या लाभदायक पद पर न हो (सिवाय राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल या मंत्री के)।
नामांकन प्रक्रिया
राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवार का नाम:
- कम से कम 50 प्रस्तावकों और
- 50 अनुमोदकों (MP या MLA) द्वारा समर्थित होना चाहिए।
साथ ही, ₹15,000 की सुरक्षा राशि भारतीय रिज़र्व बैंक में जमा करनी होती है। केवल वही उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकते हैं जो उपरोक्त सभी योग्यताएँ पूरी करते हैं।
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
भारत का राष्ट्रपति जनता द्वारा सीधे नहीं चुना जाता। इसके लिए एक निर्वाचक मंडल (Electoral College) होता है जिसमें शामिल होते हैं:
- संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य
- राज्यों (और दिल्ली व पुडुचेरी) की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
मतदान एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) से होता है और मतदान गुप्त मतपत्र द्वारा किया जाता है।
कार्यकाल और शपथ
राष्ट्रपति का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है।
पदभार ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति, भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेते हैं कि वे:
- संविधान और कानून की रक्षा करेंगे, और
- निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।
राष्ट्रपति के अधिकार और कर्तव्य
राष्ट्रपति का पद भले ही औपचारिक लगे, लेकिन इसके अधिकार व्यापक हैं।
- कार्यपालिका संबंधी अधिकार: प्रधानमंत्री, मंत्रियों, राज्यपालों, न्यायाधीशों और राजदूतों की नियुक्ति।
- विधायी अधिकार:
संसद का आह्वान और स्थगन, विधेयकों पर हस्ताक्षर या पुनर्विचार हेतु वापसी, अध्यादेश जारी करना। - वित्तीय अधिकार: सभी मनी बिल राष्ट्रपति की अनुशंसा से प्रस्तुत होते हैं।
- न्यायिक अधिकार: दया, क्षमादान, सजा में राहत देने का अधिकार।
- आपातकालीन अधिकार: राष्ट्रीय, राज्यीय या वित्तीय आपातकाल की घोषणा (अनुच्छेद 352, 356, 360)।
इन अधिकारों की गंभीरता यही बताती है कि राष्ट्रपति की न्यूनतम आयु 35 वर्ष रखना कितना उचित निर्णय था।
अन्य संवैधानिक पदों की न्यूनतम आयु
| पद | न्यूनतम आयु |
| राष्ट्रपति | 35 वर्ष |
| उपराष्ट्रपति | 35 वर्ष |
| राज्यपाल | 35 वर्ष |
| लोकसभा सदस्य | 25 वर्ष |
| राज्यसभा सदस्य | 30 वर्ष |
| विधायक (MLA) | 25 वर्ष |
| विधान परिषद सदस्य (MLC) | 30 वर्ष |
स्पष्ट है कि राष्ट्रपति का पद सबसे ऊँचा और जिम्मेदार माना गया है।
ऐतिहासिक तथ्य: सबसे युवा और वरिष्ठ राष्ट्रपति
- सबसे युवा राष्ट्रपति: डॉ. नीलम संजीव रेड्डी (1977) – उम्र 64 वर्ष।
- सबसे वरिष्ठ राष्ट्रपति: डॉ. शंकर दयाल शर्मा (71 वर्ष) और श्रीमती प्रतिभा पाटिल (72 वर्ष)।
हालाँकि संविधान 35 वर्ष की उम्र तय करता है, लेकिन व्यवहार में राष्ट्रपति पद पर हमेशा अनुभवी नेताओं ने ही कार्य किया है।
अंतरराष्ट्रीय तुलना
| देश | न्यूनतम आयु |
| भारत | 35 वर्ष |
| अमेरिका | 35 वर्ष |
| फ्रांस | 18 वर्ष |
| ब्राज़ील | 35 वर्ष |
| जर्मनी | 40 वर्ष |
| दक्षिण कोरिया | 40 वर्ष |
| रूस | 35 वर्ष |
भारत की आयु सीमा कई लोकतांत्रिक देशों के समान है – यह सुनिश्चित करती है कि राष्ट्रपति परिपक्व और अनुभवी हों।
क्या 34 वर्ष का व्यक्ति राष्ट्रपति बन सकता है?
नहीं। उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने के दिन तक 35 वर्ष की आयु पूर्ण करनी होती है। यदि किसी की उम्र चुनाव प्रक्रिया के दौरान 35 होती है, तब भी वह पात्र नहीं मानी जाएगी।
अयोग्यता और पद से हटाने की प्रक्रिया
भले ही कोई व्यक्ति 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो, लेकिन अगर:
- वह भारतीय नागरिक नहीं है,
- लाभ का पद धारण करता है,
- अदालत द्वारा अस्वस्थ मानसिक स्थिति का घोषित है, या
- दिवालिया घोषित हो चुका है – तो वह अयोग्य माना जाएगा।
राष्ट्रपति को पद से केवल महाभियोग (Impeachment) द्वारा हटाया जा सकता है, यदि उसने संविधान का उल्लंघन किया हो। यह प्रक्रिया बहुत गंभीर और संवैधानिक रूप से सुरक्षित है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
35 वर्ष (संविधान के अनुच्छेद 58(1)(b) के अनुसार)
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति – 35 वर्ष; प्रधानमंत्री (यदि लोकसभा सदस्य हैं) – 25 वर्ष।
नहीं, क्योंकि न्यूनतम आयु 35 वर्ष है।
भारतीय नागरिकता, 35 वर्ष की आयु, लोकसभा सदस्य बनने की योग्यता, और लाभ का पद न धारण करना।
ताकि पद पर आसीन व्यक्ति में पर्याप्त अनुभव, समझ और संतुलन हो।
निष्कर्ष: क्यों महत्वपूर्ण है यह आयु सीमा?
भारत में राष्ट्रपति की न्यूनतम आयु 35 वर्ष होना कोई संयोग नहीं है। यह युवा ऊर्जा और परिपक्व अनुभव के बीच का संतुलन दर्शाती है।
संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि देश का सर्वोच्च पद ऐसे व्यक्ति के पास जाए जो जीवन, राजनीति और संविधान – तीनों की गहरी समझ रखता हो।
सिद्धांततः कोई भी 35 वर्ष से अधिक आयु का भारतीय नागरिक राष्ट्रपति बन सकता है, लेकिन व्यवहार में यह पद अनुभवी, विद्वान और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ही मिलता है।यही राष्ट्रपति की न्यूनतम आयु का असली अर्थ है – जिम्मेदारी, परिपक्वता और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का प्रतीक।
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