जमशेदपुर में आदि महोत्सव: 7 से 16 अक्टूबर 2023 तक
झारखंड के जमशेदपुर में 7 से 16 अक्टूबर 2023 तक आदि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव का उद्घाटन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया। आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में जनजातीय कला, हस्तशिल्प, प्राकृतिक उत्पाद और स्वादिष्ट व्यंजन के साथ देश भर के जनजातीय समुदाय द्वारा उगाया गया मोटा अनाज भी शामिल किया जाएगा।
जमशेदपुर में आदि महोत्सव 2023
जमशेदपुर में इस आदि महोत्सव का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) द्वारा किया जा रहा है। आदि महोत्सव जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक वार्षिक पहल है जो जनजातीय उद्यमिता, शिल्प, संस्कृति, व्यंजन, वाणिज्य और सदियों पुरानी पारंपरिक कला की भावना का उत्सव मनाती है। यह महोत्सव देश की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। इस कार्यक्रम में जनजातीय कला, हस्तशिल्प, प्राकृतिक उत्पाद और स्वादिष्ट व्यंजन के लिए 150 से अधिक स्टॉल की व्यवस्था की गई है।
यह महोत्सव आर्थिक रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और वन धन केंद्र लाभार्थियों सहित लगभग 336 जनजातीय कारीगरों और कलाकारों की मेजबानी करेगा। जमशेदपुर में आयोजित यह कार्यक्रम आदि महोत्सव कारीगरों के संगीत, कला, चित्रकला और व्यंजनों के अलावा उनसे मिलने, उनके जीवन जीने के तरीके के बारे में जानने और जनजातीय संस्कृति व परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने का अवसर प्रदान करता है। भारत के आग्रह पर 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष’ के रूप में घोषित किया गया है, इसलिए आदि महोत्सव में देश भर के जनजातीय समुदायों द्वारा उगाए गए मिलेट्स का भी प्रदर्शन किया जाएगा। आदि महोत्सव 2023 में केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता और बिश्वेश्वर टुडू के साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
आदि महोत्सव के बारे में
एक राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव के रूप में आदि महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) की संयुक्त पहल है। इसका उद्देश्य जनता को एक ही स्थान पर आदिवासी समुदायों द्वारा निर्मित उत्पादों तथा उनकी संस्कृति से परिचित कराना है। वर्ष 2019 में इस उत्सव का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी में किया गया था और इसमें आदिवासी हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण आदि की प्रदर्शनी और बिक्री की व्यवस्था की गई थी।
वर्ष 1987 में बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) की स्थापना की गई थी।
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