डेजर्ट साइक्लोन: 2024 में भारत और यूएई की रणनीतिक सैन्य साझेदारी की एक नई शुरुआत

डेजर्ट साइक्लोन 2024 अभ्यास

अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग के तेजी से बदलते परिदृश्य में, डेजर्ट साइक्लोन भारत की बढ़ती सैन्य और कूटनीतिक ताकत का एक प्रतीक बनकर उभरा है। जनवरी 2024 में आयोजित यह महत्वपूर्ण अभ्यास भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच पहली बार आयोजित होने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास था, जिसने क्षेत्रीय सहयोग की एक नई मिसाल कायम की।

डेजर्ट साइक्लोन क्या है?

डेजर्ट साइक्लोन 2024 भारत और यूएई की सेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है। इसका नाम सुनकर थार रेगिस्तान में उठते धूल भरे तूफानों की छवि सामने आती है, लेकिन सैन्य संदर्भ में यह दोनों देशों की एकजुटता, रणनीतिक क्षमता और त्वरित कार्रवाई की शक्ति का प्रतीक है।

यह अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 2 से 15 जनवरी 2024 तक चला। दोनों देशों से 45-45 सैनिकों की भागीदारी के साथ, यह अभ्यास मुख्य रूप से उप-पारंपरिक युद्ध कौशल और शहरी इलाकों में युद्ध संचालन पर केंद्रित था।

डेजर्ट साइक्लोन अभ्यास के रणनीतिक उद्देश्य

डेजर्ट साइक्लोन अभ्यास का मुख्य उद्देश्य उच्च दबाव वाले युद्ध स्थितियों में भारत और यूएई की सेनाओं के बीच समन्वय और संचालन क्षमता को बढ़ाना था। अभ्यास की गतिविधियाँ इन बिंदुओं पर केंद्रित थीं:

  • निर्मित शहरी क्षेत्रों में युद्ध (FIBUA)
  • हेलिबोर्न ऑपरेशंस
  • संयुक्त निगरानी और खुफिया जानकारी साझा करना
  • घेरा और तलाशी अभियानों का अभ्यास
  • संयुक्त राष्ट्र के अध्याय VII के अंतर्गत शांति स्थापना मिशनों के लिए तैयारी

इन गतिविधियों के माध्यम से दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे की रणनीतियों, संचार प्रणालियों और युद्ध संचालन कौशल को बेहतर तरीके से समझा।

डेजर्ट साइक्लोन 2024 का महत्व क्यों है?

डेजर्ट साइक्लोन 2024 केवल सैन्य अभ्यास नहीं था, बल्कि यह भारत और यूएई के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग का एक मजबूत संकेतक था:

  1. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती: यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मजबूत होते रक्षा संबंधों का परिणाम है।
  2. क्षेत्रीय स्थिरता में भूमिका: दोनों देश दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया में स्थिरता लाने की दिशा में संयुक्त प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  3. शांति स्थापना की तैयारी: यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के दिशा-निर्देशों के अनुरूप था।
  4. रेगिस्तान युद्ध में विशेषज्ञता: राजस्थान का कठोर रेगिस्तानी क्षेत्र एक वास्तविक और चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण स्थल था।

डेजर्ट साइक्लोन और भारत की रक्षा कूटनीति

भारत ने सैन्य कूटनीति के क्षेत्र में अमेरिका, रूस, फ्रांस जैसे देशों के साथ कई संयुक्त अभ्यास किए हैं, और अब यूएई भी इस सूची में शामिल हो गया है। डेजर्ट साइक्लोन भारत की रक्षा रणनीतियों के अंतरराष्ट्रीय विस्तार का प्रमाण है।

यूएई की ज़ायेद फर्स्ट ब्रिगेड और भारत की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की भागीदारी से यह अभ्यास दोनों देशों के लिए ज्ञान, रणनीति और आधुनिक युद्ध अभ्यास साझा करने का एक मंच बना।

डेजर्ट साइक्लोन के बाद क्या?

डेजर्ट साइक्लोन 2024 की सफलता के बाद, आने वाले वर्षों में इस अभ्यास के नए संस्करणों की संभावना प्रबल हो गई है। भविष्य में यह एक बहुपक्षीय मंच के रूप में भी विकसित हो सकता है, जिसमें खाड़ी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अन्य मित्र राष्ट्र भी शामिल हो सकते हैं।

इस अभ्यास से प्राप्त अनुभव भारत और यूएई दोनों की युद्ध तैयारी, प्रशिक्षण मॉडल और सैन्य सिद्धांतों के विकास में सहायक सिद्ध होंगे।

निष्कर्ष

डेजर्ट साइक्लोन केवल एक सामान्य सैन्य अभ्यास नहीं था—यह राजस्थान की रेत में एक रणनीतिक हाथ मिलाना था, जो इस दिशा में संकेत देता है कि भविष्य में क्षेत्रीय सहयोग शांति और सुरक्षा की रीढ़ बनेगा। जैसे-जैसे भारत और यूएई वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और विस्तार दे रहे हैं, डेजर्ट साइक्लोन 2024 जैसे संयुक्त प्रयास एक अधिक सुरक्षित और सहयोगी दुनिया की नींव रख रहे हैं।

प्रश्न: डेजर्ट साइक्लोन क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: डेजर्ट साइक्लोन भारत और यूएई के बीच आयोजित एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है, जो पहली बार जनवरी 2024 में आयोजित हुआ था। इसका महत्व रक्षा सहयोग को मजबूत करने, शहरी युद्ध में संचालन क्षमता बढ़ाने और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए तैयारी सुनिश्चित करने में है। यह भारत की रक्षा कूटनीति में एक ऐतिहासिक कदम है।

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