भारतीय रक्षा अभियंता सेवा (IDSE) ने 76वाँ स्थापना दिवस मनाया

IDSE 76वां स्थापना दिवस

भारतीय रक्षा अभियंता सेवा (Indian Defence Service of Engineers – IDSE), जो कि रक्षा मंत्रालय (MoD) के अंतर्गत एक संगठित ग्रुप ‘A’ कैडर है, ने अपना 76वाँ स्थापना दिवस 17 सितम्बर 2025 को मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली छावनी में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

कार्यक्रम का शुभारंभ और रक्षा सचिव का संबोधन

अपने संबोधन में रक्षा सचिव ने IDSE कैडर अधिकारियों की सराहना की और उन्हें विश्व-स्तरीय अवसंरचना के माध्यम से राष्ट्रीय रक्षा तैयारियों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बदलते वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य का उल्लेख करते हुए अधिकारियों को नए-नए प्रौद्योगिकी नवाचारों को अपनाने और समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा दी।

उनके संबोधन के बाद कार्यक्रम में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और नृत्य प्रदर्शन आयोजित किए गए। इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय के कई वरिष्ठ सैन्य व नागरिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।

ऐतिहासिक यात्रा: 1949 से आज तक

भारतीय रक्षा अभियंता सेवा (IDSE) की औपचारिक स्थापना 17 सितम्बर 1949 को हुई थी। स्वतंत्रता के बाद से यह भारत की रक्षा इंजीनियरिंग व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है।

इस कैडर के अधिकारी देशभर के सैन्य ठिकानों पर तैनात रहते हैं और विभिन्न प्रकार की रक्षा अवसंरचना परियोजनाओं का निर्माण और रखरखाव करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सैनिकों के लिए आवासीय परिसर (Married Accommodations)
  • तकनीकी व प्रशासनिक भवन
  • वायुसेना के लिए हवाई अड्डे और हैंगर
  • नौसेना के लिए जेटी और डोकयार्ड
  • सेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और DRDO के लिए विशेष सुविधाएँ
  • सैन्य अस्पताल और उन्नत चिकित्सीय केंद्र

इन परियोजनाओं के माध्यम से IDSE न केवल भारत की सैन्य तैयारियों को सशक्त करता है, बल्कि सैनिकों और उनके परिवारों की सुविधा और कल्याण का भी ध्यान रखता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा का मजबूत स्तंभ

पिछले सात दशकों से अधिक समय से, IDSE ने भारत की रक्षा संरचना को आधुनिक और सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अधिकारी सुनिश्चित करते हैं कि सशस्त्र बलों को ऐसी अवसंरचना मिले जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हो।

वर्तमान समय में, जब सुरक्षा चुनौतियाँ तेजी से बदल रही हैं, IDSE हरित प्रौद्योगिकी, डिजिटल समाधान और अत्याधुनिक निर्माण तकनीकों को अपनाते हुए भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने में जुटा हुआ है।

निष्कर्ष

76वाँ स्थापना दिवस केवल इतिहास का उत्सव नहीं था, बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक संकल्प भी था। भारतीय रक्षा अभियंता सेवा (IDSE) परंपरा और नवाचार का संगम बनकर भारत की रक्षा शक्ति का मौन लेकिन मजबूत आधार बनी हुई है।

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