विश्व ऊर्जा कांग्रेस-2024 में भारत की हिस्सेदारी
भारत 22 अप्रैल से 25 अप्रैल, 2024 तक नीदरलैंड के रॉटरडैम में आयोजित होने वाली 26वीं विश्व ऊर्जा कांग्रेस में अपनी अभिनव प्रौद्योगिकियों और विद्युत उत्पादन संबंधी कार्यप्रणालियों का प्रदर्शन किया। इसमें भारतीय मंडप का उद्घाटन 22 अप्रैल, 2024 को संयुक्त रूप से भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल और नीदरलैंड में भारत की राजदूत श्रीमती रीनत संधू ने किया था।
भारतीय मंडप के बारे में
भारतीय मंडप में विद्युत मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, कोयला मंत्रालय व पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसयू) में हिस्सा लिया। इन्होंने सीपीएसयू वैश्विक ऊर्जा रूपांतरण में भारत के नेतृत्व को सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया।
भारतीय मंडप का उद्देश्य
वैश्विक मंच पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के साथ अभिनव प्रौद्योगिकियों और विद्युत उत्पादन संबंधी कार्यप्रणालियों को प्रदर्शित करने का केंद्र बनना है।
नीदरलैंड के उप-प्रधानमंत्री की यात्रा
नीदरलैंड के उप-प्रधानमंत्री और जलवायु व ऊर्जा नीति मंत्री रॉब जेटन और विश्व ऊर्जा परिषद की महासचिव और सीईओ डॉ. एंजेला विल्किंसन ने 22 अप्रैल, 2024 को विश्व ऊर्जा कांग्रेस में भारत मंडप का दौरा किया।
26वीं विश्व ऊर्जा कांग्रेस (2024) के बारे में
- 26वीं विश्व ऊर्जा कांग्रेस के विश्वभर में स्वच्छ और समावेशी ऊर्जा रूपांतरण पर नेतृत्व के रूप में चार दिवसीय कांग्रेस का आयोजन विश्व ऊर्जा क्षेत्र में विश्व ऊर्जा परिषद की स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया है।
- विषयवस्तु : ‘लोगों और धरती के लिए ऊर्जा को नया स्वरूप देना’
- यह कांग्रेस एक विश्व संदर्भ में वैश्विक ऊर्जा रूपांतरण को आगे बढ़ाने में आपस में जुड़े ऊर्जा समाजों की भूमिका का पता लगाना चाहती है, जो कम पूर्वानुमानित, अधिक अशांत और तेजी से स्थानांतरित होने वाला है।
विश्व ऊर्जा परिषद भारत के बारे में
- स्थापना: वर्ष 1923
- विश्व ऊर्जा परिषद- भारत, विश्व ऊर्जा परिषद (डब्ल्यूईसी) का एक सदस्य देश है।
- यह एक वैश्विक निकाय है।
- इसका उद्देश्य ऊर्जा की स्थायी आपूर्ति और उपयोग को बढ़ावा देना है।
- वर्ष 1924 में परिषद में शामिल हुआ था।
- यह भारत सरकार के कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस व विदेश मंत्रालय के सहयोग से विद्युत मंत्रालय के संरक्षण में कार्य करता है।
भारत और नीदरलैंड्स के बीच संबंध
- राजनीतिक संबंध: भारत और नीदरलैंड्स के बीच मजबूत राजनीतिक संबंध हैं और वे लोकतंत्र, मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के सिद्धांतों को साझा करते हैं। वे संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर भी घनिष्ठ सहयोग करते हैं।
- व्यापारिक और आर्थिक संबंध: नीदरलैंड्स भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग बहुत मजबूत है। नीदरलैंड की कई बड़ी कंपनियां भारत में कारोबार करती हैं।
- अनुसंधान और विकास सहयोग: नवीन प्रौद्योगिकियों, विज्ञान, स्वास्थ्य, पानी और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में दोनों देश अनुसंधान और विकास सहयोग कर रहे हैं।
- ऊर्जा सहयोग: नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और हरित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत और नीदरलैंड्स घनिष्ठ सहयोग कर रहे हैं।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: छात्र आदान-प्रदान और शैक्षिक संस्थानों के बीच सहयोग भारत-नीदरलैंड्स संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
नीदरलैंड्स के बारे में
- नीदरलैंड्स यूरोप महाद्वीप का एक प्रमुख देश है। यह उत्तरी-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसकी उत्तरी तथा पश्चिमी सीमा पर उत्तरी समुद्र स्थित है, दक्षिण में बेल्जियम एवं पूर्व में जर्मनी है।
- भाषा: डच, अंग्रेजी, जर्मन और फ्रेंच
- राजधानी: एम्सटर्डम
- मुद्रा: यूरो
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