नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस – 26 जून
हर साल 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ कार्रवाई और सहयोग को मजबूत करना है।
इस दिवस का महत्व
दुनिया में नशीली दवाओं की समस्या एक जटिल मुद्दा है, जो करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है। नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को और अधिक नुकसान पहुँचता है। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) नशीली दवाओं और अपराध पर मानव अधिकारों, करुणा और साक्ष्य-आधारित प्रथाओं पर ध्यान देने के साथ दवा नीतियों के लिए जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने के महत्व को पहचानता है।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2023 की थीम
इस वर्ष के नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम ‘लोग पहले: कलंक और भेदभाव को रोकें, रोकथाम को मजबूत करें’ है। इस थीम का उद्देश्य नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले लोगों के साथ सम्मान और सहानुभूति के साथ व्यवहार करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर, 1987 के संकल्प 42/112 द्वारा 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का निर्णय लिया था। ताकि नशीली दवाओं से मुक्त एक अंतरराष्ट्रीय समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्रवाई और सहयोग को मजबूत किया जा सके।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री का संदेश
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने नार्कोटिक्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। अब उसके सफल परिणाम भी दिखने लगे हैं। इस नीति का एक मुख्य स्तंभ है मोदी सरकार की “व्होल ऑफ़ गवर्नमेंट अप्रोच”, जिसमें अलग अलग विभागों के समन्वय से नीति और प्रभावी बनती है।
गृह मंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम भारत में नारकोटिक्स का व्यापार नहीं होने देंगे और ना ही भारत के माध्यम से ड्रग्स को विश्व में कहीं बाहर जाने देंगे। ड्रग्स के खिलाफ इस मुहिम में देश की सभी प्रमुख एजेंसियाँ, विशेषकर “नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्युरो” निरंतर अपनी जंग जारी रखे हुए है। इस अभियान को सशक्त करने के लिए गृह मंत्रालय ने 2019 में एनकॉर्ड (NCORD) की स्थापना की एवं हर राज्य के पुलिस विभाग में एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया गया, जिसका पहला राष्ट्रीय सम्मेलन अप्रैल 2023 में दिल्ली में हुआ।
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