भारतीय तटरक्षक बल और जिंदल स्टील एंड पावर के मध्य समझौता ज्ञापन
07 मई, 2024 को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपी) ने देश के अंदर जहाज निर्माण में तैयार की गई सामग्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वदेशी समुद्री वर्गीकृत इस्पात की आपूर्ति के लिए नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्य बिंदु
- इस MoU के माध्यम से स्वदेशीकरण को बढ़ावा व राष्ट्र के हित में इन वस्तुओं के उत्पादन तथा उपयोग की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध होगा।
- यह MoU जटिल सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है।
- इस MoU में भारतीय तटरक्षक हेतु स्वदेशी समुद्री वर्गीकृत इस्पात की समय पर आपूर्ति के उद्देश्य से जहाज निर्माण यार्डों को आश्वासन देते हुए उत्पाद के निर्माण के लिए नामित इस्पात संयंत्रों के साथ-साथ गुणवत्ता, श्रेणी एवं आयाम सहित कई प्रमुख लाभ तय किए गए हैं।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी)
- भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना 1 फरवरी 1977 को की गई थी।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- इसका मुख्य उद्देश्य भारत के समुद्री क्षेत्रों, द्वीपों और तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा करना है। यह भारतीय जलक्षेत्रों में गश्त दौरे करके सुरक्षा बनाए रखता है।
- कार्य:
- जलसीमा सुरक्षा
- आपरेशन चलाना और नियंत्रण
- तस्करी और अवैध गतिविधियों को रोकना
- समुद्री अपराधों से निपटना
- तटीय सुरक्षा और राहत कार्य
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपी)
- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की स्थापना 1952 में हुई थी।
- मुख्यालय: हिसार (हरियाणा)
- यह कंपनी रेल, सड़क और पुल निर्माण के लिए विशेष उच्च-गुणवत्ता वाला स्टील रेल उत्पाद बनाती है। इसके अलावा यह कोकिंग कोयला, सीमेंट और कक्षा उर्वरकों का भी उत्पादन करती है।
- उत्पादन क्षमता: JSP की वार्षिक स्टील उत्पादन क्षमता लगभग 9 मिलियन टन है।
- सहायक इकाइयां: JSP के पास हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में कोयला खानें, सीमेंट और कक्षा उर्वरक संयंत्र हैं।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के साथ किस अनुबंध के तहत समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए?
स्वदेशी समुद्री वर्गीकृत इस्पात की आपूर्ति के लिए
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।