एमएसडीई और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के मध्य MoU
हाल ही में, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने ड्रोन दीदी योजना के तहत दो पायलट परियोजनाओं के संचालन हेतु महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए है।
एमएसडीई और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के मध्य MoU के मुख्य बिंदु
- एमएसडीई और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के मध्य यह MoU महिलाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के मंत्रालय के संकल्प को आगे बढ़ाएगा।
- MoU के तहत कृषि में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए MSDE और एम एंड एम हैदराबाद और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTI) नोएडा स्थित दो केंद्रों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। इन केंद्रों को 20 महिला प्रति बैच के विशेष बैच के द्वारा 500 महिलाओं को कुशल बनाने के लिए संचालित किया जायेगा।
- इन केंद्रों पर रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (RPTO) प्रशिक्षकों के माध्यम से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा अनुमोदित 15-दिवसीय पाठ्यक्रम चलाया जाएगा।
- MoU के तहत NSTI प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए बुनियादी ढांचा, प्रतिभागियों के लिए छात्रावास सुविधाओं और भागीदारी बढ़ाने के लिए स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों और गैर सरकारी संगठनों से आपस में सम्बन्ध बनाएगा।
- महिंद्रा समूह केन्द्रों पर, सिमुलेशन मशीनरी/ड्रोन, सिम्युलेटर नियंत्रक, सिम्युलेटर सॉफ्टवेयर, आई 5 प्रोसेसर और प्रशिक्षकों के साथ डेस्कटॉप कंप्यूटर के माध्यम से प्रारंभिक सेट-अप सहायता प्रदान करेगा, और डीजीसीए लाइसेंस धारक प्रशिक्षकों की लागत सहित पायलट परियोजनाओं की अवधि के लिए परिचालन लागत को पूरा करेगा।
- ड्रोन दीदी योजना को आगे बढ़ाने के लिए, एमएंडएम जहीराबाद, तेलंगाना और नागपुर, महाराष्ट्र में कंपनी के कौशल केंद्रों में महिलाओं के लिए ड्रोन प्रशिक्षण शुरू करेगा।
ड्रोन दीदी योजना
- प्रारम्भ : 30 नवंबर, 2023
- इस योजना का लक्ष्य 15,000 महिलाओं को कृषि कार्यों जैसे कि फसल में खाद डालना, फसल की वृद्धि की निगरानी करना और बीज बोने आदि के लिए ड्रोन चलाने के लिए प्रशिक्षित करना है।
- इस योजना के तहत महिला लाभार्थियों को ड्रोन पायलट बनने के लिये प्रशिक्षित किया जाता है।
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।