पीएम मोदी को मिला मिस्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काहिरा की प्रेसीडेंसी में आयोजित एक विशेष समारोह में मिस्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ से सम्मानित किया। इसके साथ ही पीएम मोदी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। मिश्र के राष्ट्रपति ने इस वर्ष 2 लोगों को यह पुरस्कार दिया है। पीएम मोदी के अलावा 2023 में यह पुरस्कार ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक़ को दिया गया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की और प्रशंसा भी व्यक्त की। उन्होंने बताया कि नरेन्द्र मोदी जी एकमात्र ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें सबसे अधिक देशों द्वारा ऐसे सम्मान प्रदान किए गए हैं।
मिस्र का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
वर्ष 1915 में ऑर्डर ऑफ द नाइल (Order of the Nile) की स्थापना मिश्र के सुल्तान हुसैन कामेल द्वारा की गई थी। 1953 में राजशाही समाप्त होने तक यह मिस्र साम्राज्य के प्रमुख आदेशों में से एक था। इसे ‘ऑर्डर ऑफ इस्माइल’ के नीचे स्थान दिया गया है। फिर इसे मिस्र गणराज्य के सर्वोच्च राज्य सम्मान के रूप में पुनर्गठित किया गया था। यह पुरस्कार देश के लिए उपयोगी सेवा प्रदान करने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। यह अक्सर ब्रिटिश अधिकारियों और मिस्र में सेवारत अधिकारियों के साथ प्रतिष्ठित मिस्र के नागरिकों को प्रदान किया जाता था। आर्डर ऑफ़ द नील को ‘किलादत एल निल’ भी कहा जाता है।
आदेश में पाँच वर्ग शामिल थे:
- ग्रैंड कॉर्डन: दाहिने कंधे पर एक सैश से पहना जाने वाला बैज, बायीं छाती पर एक स्टार के साथ।
- ग्रैंड ऑफिसर: गले में पहना जाने वाला बैज, बायीं छाती पर एक छोटा सितारा।
- कमांडर: गले में पहना जाने वाला बैज।
- अधिकारी: बायीं छाती पर रोसेट लगे रिबन से बना बैज पहना जाता है।
- नाइट: सादे रिबन से बाईं छाती पर पहना जाने वाला बैज।
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