ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली ‘सागर समृद्धि’ का शुभारंभ
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग (एमओपीएसडब्ल्यू) तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंत्रालय की ‘अपशिष्ट से संपदा’ पहल में तेजी लाने के लिए 9 जून, 2023 को ‘सागर समृद्धि (Sagar Samridhi)’ – ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किया।
ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली ”सागर समृद्धि” का उद्देश्य बंदरगाह, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के ‘अपशिष्ट से संपदा’ अभियान में तेजी लाना है। केंद्रीय मंत्रीं सोनोवाल ने शुभारंभ के अवसर पर कहा कि इस प्रणाली की रूपरेखा मानवीय त्रुटि को कम करने के लिए बनाई गई है। यह रूपरेखा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट के विजन का अनुसरण करती है। ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली के शुभारंभ कार्य्रकम में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री सुधांश पंत के साथ मंत्रालय, प्रमुख बंदरगाहों और संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
‘सागर समृद्धि’ ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली के महत्त्वपूर्ण बिंदु
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की तकनीकी शाखा राष्ट्रीय बंदरगाह जलमार्ग एवं तट प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) द्वारा सागर समृद्धि प्रणाली विकसित की गई है।
- इस नई प्रौद्योगिकी से ड्राफ्ट एंड लोडिंग मॉनिटर (DLM) प्रणाली के मुकाबले सुधार आएगा।
- यह प्रणाली कई इनपुट रिपोर्ट जैसे दैनिक ड्रेजिंग रिपोर्ट, ड्रेजिंग से पहले और बाद के सर्वेक्षण डेटा को प्रसंस्कृत करने और रीयल टाइम ड्रेजिंग रिपोर्ट तैयार करने के बीच समन्वय लाएगी।
- ‘सागर समृद्धि’ निगरानी प्रणाली दैनिक और मासिक प्रगति विज़ुअलाइज़ेशन, ड्रेजर निष्पादन और डाउनटाइम निगरानी, लोडिंग, अनलोडिंग और निष्क्रिय समय के स्नैपशॉट के साथ इजी लोकेशन ट्रैक डेटा में भी सक्षम बनाएगी।
‘सागर समृद्धि’ प्रणाली की क्षमताएं निम्न है:
- वास्तविक समय ड्रेजिंग प्रगति रिपोर्ट
- दैनिक और मासिक प्रगति विज़ुअलाइज़ेशन
- ड्रेजर निष्पादन और डाउनटाइम निगरानी
- लोडिंग, अनलोडिंग और निष्क्रिय समय के स्नैपशॉट के साथ इजी लोकेशन ट्रैक डेटा
ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली के उपयोग से पर्यावरण की निर्वहनीयता में सहायता मिलेगी और बंदरगाहों की परिचालनगत लागत में कमी आएगी। जिससे अधिक पारदर्शिता और दक्षता आएगी। वर्तमान में कोचीन बंदरगाह और मुंबई बंदरगाह ने इस प्रणाली को अपनाया है। न्यू मैंगलोर बंदरगाह और दीनदयाल बंदरगाह पर इस प्रणाली का परीक्षण चल रहा है।
राष्ट्रीय बंदरगाह जलमार्ग एवं तट प्रौद्योगिकी केंद्र के बारे में
पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत आईआईटी मद्रास में कुल 77 करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय बंदरगाह जलमार्ग एवं तट प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) की स्थापना की गई थी। केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने 24 अप्रैल 2023 को NTCPWC का उद्घाटन किया था। इस केंद्र का उद्देश्य देश में एक मजबूत समुद्री उद्योग के निर्माण के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में समाधान निकालने में सक्षम बनाते हुए समुद्री क्षेत्र के लिए अनुसंधान और विकास को सक्षम करना है।
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।