शत-प्रतिशत एथेनॉल संचालित विश्व के पहले वाहन का भारत में शुभारंभ
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज शत-प्रतिशत एथेनॉल से चलने वाली दुनिया की पहली कार का शुभारंभ किया। इस BS-VI (स्टेज-II) इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-फ्यूल वाहन के लॉन्च के साथ भारत इस तरह का पहला देश बन गया है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गडकरी में कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की राह को और सुगम बनाएगा। शत प्रतिशत एथेनॉल संचालित वाहनों के उपयोग से देश में कच्चे तेल के आयात की आवश्यकता में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि भारत की तेल आयात पर निर्भरता खत्म होने से लगभग 16 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
शत-प्रतिशत एथेनॉल संचालित वाहन BS-VI (स्टेज-II) से परिवर्तन
- भारत में 40 प्रतिशत प्रदूषण का कारण परिवहन क्षेत्र है। ऐसे में शत-प्रतिशत एथेनॉल संचालित कार के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी, जो देश की बड़ी चिंता को कम करेगी। भारत के कई शहर प्रदूषण मामलों में विश्व स्तर पर शीर्ष रैंकिंग में है।
- इथेनॉल के मिश्रण से भारत का कृषि विकास 12 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगा। यह देश के कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
- एथेनॉल के मुकाबले पेट्रोल से परिवहन में खर्चा अधिक आता है, ऐसे में भारत 20 प्रतिशत इथेनॉल के मिश्रण की नीति लागू करके प्रतिवर्ष आयात पर 35 हजार करोड़ रुपये का खर्च बचाएगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया भारत ने 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित समय से 5 महीने पहले ही हासिल कर लिया था। अब भारत ने 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने का नया लक्ष्य 2026 तक निर्धारित किया है, जो पहले 2030 तक पूरा किया जाना था। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने कहा कि 2025 से भारत में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित ‘पेट्रोल ई-20’ मिलने लगेगा।
- केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने बताया कि एथेनॉल मिश्रण की प्रक्रिया से किसानों को अब तक 82 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।
20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के उपयोग का लक्ष्य ले कर चल रहे भारत में शत-प्रतिशत एथेनॉल संचालित वाहन क्रांति ला देगा। ईंधन में इथेनॉल के मिश्रण से भारत के आयात खर्च में कमी आएगी और इसके साथ आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी साकार करने में मदद मिलेगी।
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