महिला समानता दिवस-2022: उद्देश्य, इतिहास और थीम
महिला समानता दिवस-2022, 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह विश्व में आई महिलाओं के प्रति असमानता को दूर करने भूमिका निभाता है।
उद्देश्य: महिला समानता दिवस-2022 क्यों मनाया जाता है?
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव, दुष्कर्म, एसिड अटैक्स, भूर्ण हत्या जैसे कई मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। एक तरफ महिलाएं आज के समय में हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें कई तरह के सामाजिक भेदभाओं और घटनाओं से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे समय में यह दिवस समाज के अंदर महिलाओं के समानता की बात रखता है।
इतिहास: वुमन इक्वीलिटी डे मनाने की शुरुआत कब हुई?
पूरी दुनिया में महिलाओं के प्रति फैली असमानताओं को कम करने और पूर्णतया समाप्त करने के लिए इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। महिला समानता की शुरुआत करने वाला विश्व का पहला देश न्यूजीलैंड है, जिसने 1893 में इस दिशा में कदम बढ़ाया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में दिनांक 26 अगस्त, 1920 को 19वें संविधान संशोधन के माध्यम से पहली बार महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। 19वें संविधान संशोधन के उपलक्ष्य में 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के रूप में घोषित किया। संशोधन XIX, राज्यों और संघीय सरकार को संयुक्त राज्य के नागरिकों को वोट देने के अधिकार से वंचित करने से रोकता है। इस संशोधन के पहले वहाँ महिलाओं को द्वितीय श्रेणी नागरिक का दर्जा प्राप्त था। महिला वकील बेल्ला अब्ज़ुग के प्रयास से महिलाओं को समानता का हक मिला।
भारत में महिलाओं की स्थिति किसी है?
प्राचीन काल से ही भारत में स्त्री को ‘देवी’ का दर्जा दिया गया है। यह बात वेदों में भी स्पष्ट रूप से कही गई है। भारत में जो एक स्त्री को जो सम्मान दिया गया है, वो विश्व में कही भी देखने को न ही मिलता है। हालाँकि बीते कुछ सालों में पाश्चात्य संस्कृति के फैलाव ने देश में अलग स्थिति उत्पन्न की है।
महिलाओं के शैक्षिक, आर्थिक एवं राजनितिक सशक्तिकरण के लिए भारत शुरू से ही संवेदनशील रहा है। यह बात भारत में भारत में बने विभिन्न कानून स्पष्ट करते हैं। देश की हर महिला को स्त्री अधिकारों और सुरक्षा से जुड़े भारत के पाँच प्रमुख कानून के बारे में जानना चाहिए।
- पॉश – द सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ विमेन एट वर्कप्लेस (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रीड्रेसल बेनिफिट एक्ट, 2013)
- प्रोटेक्शन ऑफ विमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वॉयलेंस (2005)
- हिंदू सक्सेशन एक्ट या हिंदू उत्तराधिकार कानून (2005)
- डाउरी प्रॉहिबिशन एक्ट (1961)
- मैटर्निटी बेनिफिट (एमेंडमेंट) एक्ट, 2017
महिला समानता दिवस-2022 की थीम
हर साल यह दिवस के विशेष थीम के तहत मनाया जाता है। यह थीम एक खास सन्देश देती है। पिछले वर्ष यह दिवस ‘Women in leadership: Achieving an equal future’ थीम के साथ मनाया गया था। वुमन इक्वीलिटी डे 2022 की थीम जल्द ही साझा की जाएगी।
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