अमृत सरोवर मिशन
जल संरक्षण एवं जल संचय के उद्देश्य से और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आजादी के 75वें साल में, आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान अमृत सरोवर मिशन 24 अप्रैल 2022 को शुरु किया गया।
- 17 नवंबर, 2022 तक अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए लगभग 90,531 स्थलों की पहचान की गई है।
- 5 अगस्त, 2023 तक 50,000 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- मिशन अमृत सरोवर 15 अगस्त, 2023 को पूरा हो गया है।
उद्देश्य
- जल सुरक्षा को बढ़ावा देना और जल से संबंधित विभिन्न चुनौतियों से निपटना ।
- गांवों में जल संरक्षण और बारिश के पानी के संग्रहण की क्षमता बढ़ाना।
- भूजल स्तर को बढ़ाना और जलभृतों के संरक्षण को प्रोत्साहित करना।
- सिंचाई क्षमता और उपलब्धता में वृद्धि करना।
- वर्षा आधारित कृषि को बढ़ावा देना।
- जल उपयोग दक्षता में सुधार करना।
लक्ष्य
- मिशन का लक्ष्य देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) को विकसित/पुनर्जीवित करना है, जिससे देश में कुल मिलाकर लगभग 50,000 अमृत सरोवर होंगे।
अमृत सरोवर मिशन में शामिल मंत्रालय
- इस मिशन को सरकार के समग्र दृष्टिकोण के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें 8 केंद्रीय मंत्रालय/विभाग शामिल है-
- ग्रामीण विकास विभाग
- भूमि संसाधन विभाग
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
- जल संसाधन विभाग
- पंचायती राज मंत्रालय
- वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
- रेल मंत्रालय
- सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
- भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (बीआईएसएजी-एन) को मिशन के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में जोड़ा गया है।
अमृत सरोवर मिशन का अन्य योजनाओं के साथ संयुक्त क्रियान्वयन दृष्टिकोण
- यह मिशन राज्यों और जिलों में राज्यों की अपनी योजनाओं के अलावा महात्मा गांधी एनआरईजीएस, 15वें वित्त आयोग अनुदान, पीएमकेएसवाई की उप-योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी जैसी विभिन्न योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य करता है।
- मिशन इन प्रयासों के तहत नागरिक और गैर-सरकारी संसाधनों को जुटाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
महत्व
- बहुउद्देश्यीय स्वरुप में बन रहे अमृत सरोवरों के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
- ग्रामीण, सरोवर में मछली पालन, मखाने की खेती एवं पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था होने से खाद्यान का अधिक उत्पादन करके खुद को समृद्ध बना सकेंगे।
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