केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् द्वारा ‘प्रगति-2024’ कार्यक्रम आयोजित

CCRAS ने 28 मई, 2024 को नई दिल्ली में "आयुर्ज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में औषध अनुसंधान (प्रगति- 2024)" कार्यक्रम की मेजबानी की।

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (CCRAS) ने 28 मई, 2024 को नई दिल्ली में “आयुर्ज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में औषध अनुसंधान (प्रगति- 2024)” कार्यक्रम की मेजबानी की।

मुख्य बिंदु 

  • ‘प्रगति-2024’ कार्यक्रम आयुर्वेद अनुसंधान और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए CCRAS की एक सहयोगात्मक पहल है। इस पहल से नेटवर्किंग और संस्थागत संबंधों को सुदृढ़ किया जायेगा और आयुर्वेदिक चिकित्सकों और रोगियों को लाभ होगा।
  • इस कार्यक्रम का उद्घाटन आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा द्वारा किया जायेगा। 
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य आयुर्वेद सूत्रीकरण (फॉर्मूलेशन) और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना है।
  • इस कार्यक्रम में देश की 35 दवा कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल लेंगे। इसमें हिमालय, इमामी, बैद्यनाथ, डाबर, आईएमपीसीएल, आर्य वैद्य शाला, औषधि और आईएमपीसीओपीएस जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के सीईओ भी हिस्सा लेंगे। 
  • प्रगति-2024 कार्यक्रम के अंतर्गत 35 फॉर्मूलेशन और तीन तकनीकी उपकरणों का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। इनमें आयुष 64, आयुष एसजी, आयुष गुट्टी और अन्य सम्मलित हैं। 

लक्ष्य 

  • CCRAS द्वारा विकसित अनुसंधान परिणामों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना।
  • गुणवत्ता नियंत्रण, औषधि मानकीकरण, उत्पाद विकास में सहयोगात्मक अनुसंधान के लिए मजबूत नेटवर्क की स्थापना करना।
  • घरेलू अनुसंधान और विकास केंद्रों वाले संभावित औद्योगिक भागीदारों की पहचान करना।
  • औषधि निर्माण और उत्पाद विकास में शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण के अवसरों की खोज करना।
  • आयुर्वेदिक औषधि-निर्माण विज्ञान (फार्मास्यूटिक्स) में उद्यमिता को बढ़ावा देना , स्टार्ट-अप्स और इनक्यूबेटिंग सेंटर शुरू करने में आयुर्वेद पेशेवरों की सहायता करना है।

‘प्रगति-2024’ कार्यक्रम में चार विशेष तकनीकी सत्र शामिल हैं-

  1. अनुसंधाकर्ता-उद्योग सहभागिता को सुदृढ़ करने के लिए CCRAS के उत्पाद और रणनीतियों को रेखांकित करना, जिसमें सभी 35 उत्पादों और उपकरणों की प्रस्तुतियां सम्मलित हैं। तथा साथ ही देश में स्थित पांच CCRAS प्रयोगशालाओं और 25 अस्पताल सेवाओं का प्रदर्शन भी सम्मलित किया गया है। 
  2. क्षेत्रीय और वैश्विक आयुर्वेद औषधि विकास में कमियों की पहचान करने और चुनौतियों का समाधान करने के लिए पैनल चर्चा आयोजित कि जाएगी।
  3. CCRAS से उद्योग सहभागिता के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करना, अनुभव का साझा करना। 
  4. CCRAS -उद्योग सहभागिता के लिए “अनुसंधान प्राथमिकताओं की स्थापना” पर चर्चा आयोजित की जाएगी। 

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद् (CCRAS) के बारे में 

  • भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है।
  • यह आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा और मानकीकरण से संबंधित है।

कार्य 

  • आयुर्वेदिक औषधियों, प्रक्रियाओं और पद्धतियों पर वैज्ञानिक अनुसंधान करना।
  • आयुर्वेदिक अनुसंधान संस्थानों और कॉलेजों की स्थापना और संचालन करना।
  • आयुर्वेदिक औषधि नमूनों की गुणवत्ता जांच और मानकीकरण करना।
  • देश के विभिन्न हिस्सों में लोक औषधि पद्धतियों का अध्ययन करना।
  • आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए जनता में जागरूकता फैलाना।
  • आयुर्वेदिक दवाओं और चिकित्सा पद्धतियों के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास करना।

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