वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) ने इलेक्ट्रिक टिलर का अनावरण किया
हाल ही में, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) तथा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR) द्वारा दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल में केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CMRI) के इलेक्ट्रिक टिलर का अनावरण किया गया है।
इलेक्ट्रिक टिलर के बारे में
- इलेक्ट्रिक टिलर को छोटे से लेकर सीमांत किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है, जो देश के कृषक समुदाय का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं।
- इस इलेक्ट्रिक टिलर का उपयोग किसान के पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि में विभिन्न कृषि कार्यों के लिए किया जायेगा, जिससे परिचालन लागत में बहुत कमी आएगी।
- इसका मुख्य उद्देश्य शुद्ध-शून्य उत्सर्जन (नेट-जीरो इमीशन) प्राप्त करना और पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
- इलेक्ट्रिक टिलर बेहतर टॉर्क और फील्ड दक्षता वाला है जो किसानो की सुविधा और पर्यावरणीय स्थिरता को भी प्राथमिकता देता है। यह हाथ और बांह के कंपन को बहुत कम करता है, और संचालित होता है,इससे पारंपरिक आईसीई टिलर की तुलना में शून्य निकास उत्सर्जन होता है।
- परिचालन लागत को 85 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता के साथ ही इसका उपयोगकर्ता-अनुकूल डिज़ाइन बैटरी पैक स्वैपिंग का समर्थन करता है और यह एसी एवं सौर (सोलर) डीसी चार्जिंग सहित कई चार्जिंग विकल्प प्रदान करता है।
- यह टिलर रिजर्स, हल, लोहे के पहिये और कल्टीवेटर जैसे मानक कृषि उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहजता जोड़ा जाता है।
- यह 2 इंच के पानी के पंप और 500 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम ट्रॉली अटैचमेंट से सुसज्जित है।
- इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण और एर्गोनोमिक हैंडलिंग की सुविधा के साथ, ऑपरेटर इसे आसानी से खेतों में संचालित (नेविगेट) को कम कर सकते हैं और उत्पादकता को अधिकतम कर सकते हैं।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)
- स्थापना: 26 सितंबर 1942
- यह भारत की प्रमुख अनुसंधान और विकास संगठन है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
- CSIR का उद्देश्य देश के औद्योगिक विकास और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना है।
- CSIR में 37 प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशालाएं/संस्थान और 39 क्षेत्रीय/आउटरीच केंद्र शामिल हैं।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (DSIR)
- स्थापना: वर्ष 1951
- भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक महत्वपूर्ण निकाय है।
- इसका उद्देश्य उद्योगीकरण और औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
- यह विभाग देश में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने, नीतियों का निर्माण करने और उनका समन्वय करने का काम करता है।
केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CMRI)
- स्थापना: वर्ष 1958
- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के अंतर्गत एक प्रमुख अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला है।
- यह संस्थान यांत्रिक अभियांत्रिकी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे – उपकरण अभियांत्रिकी, नैनो-यांत्रिकी, संरचनात्मक अभियांत्रिकी, कमजोर स्ट्रक्चरल इंटेग्रिटी एवलुएशन, धातुकर्म अभियांत्रिकी, गर्म धातु इंजीनियरिंग आदि में अनुसंधान एवं विकास कार्य करती है।
- CMRI में 8 प्रमुख अनुसंधान विभाग हैं – सामग्री अभियांत्रिकी, सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर अभियांत्रिकी, कंप्यूटेशनल अभियांत्रिकी, नैनो साइंस और नैनो अभियांत्रिकी, फोटोनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन अभियांत्रिकी, प्रक्रिया कंट्रोल और मरम्मत अभियांत्रिकी, गैर-परंपरागत ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र और बायोमेडिकल इंस्ट्रूमेंटेशन।
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