आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) का स्वर्ण जयंती वर्ष

इस वर्ष आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन 21 मार्च 2024 को किया गया।

इस वर्ष आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। केवीके के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन 21 मार्च 2024 को किया गया।

आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के स्वर्ण जयंती समारोह के मुख्य बिंदु 

  • सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक (आईसीएआर), डॉ. हिमांशु पाठक ने संबोधन में कहा कि केवीके द्वारा टेक्नॉलजी के ट्रांसफर से देश में खाद्यान्न उत्पादन और बागवानी उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि केवीके को जमीनी स्तर पर किसानों के लिए टेक्नॉलजी ट्रांसफर, क्षमता निर्माण, बाजार की जानकारी और कौशल विकास के लिए एक व्यापक केंद्र के रूप में काम करना चाहिए।
  • आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. उदम सिंह गौतम ने प्रशिक्षण और कौशल विकास की मदद से किसानों को सफल उद्यमी बनने में सहायता करने में केवीके के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केवीके को महज एक प्रशिक्षण संस्थान से सिंगल विंडो कृषि ज्ञान और क्षमता विकास केंद्र में बदल दिया गया है। डीडीजी ने केवीके से किसानों को कौशल, तकनीकी ज्ञान, बीज और रोपण सामग्री से लैस करने का आग्रह किया।
  • रानी लक्ष्मीभाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के कुलपति डॉ. ए.के. सिंह ने किसानों को तकनीकी सहायता लागू करने और स्थानांतरित करने के लिए केवीके नेटवर्किंग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने केवीके से जमीनी स्तर पर स्टार्ट-अप और उद्यमिता के माध्यम से जिला स्तर पर कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
  • आईसीएआर के उप महानिदेशक (बागवानी) डॉ. एस.के. सिंह ने कहा कि केवीके की अवधारणा पूरे कृषि क्षेत्र में अनूठी है। उन्होंने किसानों को अधिक मुनाफा कमाने वाले कृषिउद्यमी बनने पर जोर दिया।
  • पुडुचेरी सरकार के सचिव (कृषि) श्री ए. नेदुनचेझियान ने कहा कि भारत सरकार जनता के लाभ के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर जोर देती है और केवीके को किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रगतिशील कदम उठाने पर जोर देती है।
  • तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर की कुलपति डॉ. वी. गीतालक्ष्मी ने किसानों को तकनीक-प्रेमी बनाने और उन्हें कृषि 2.0 अपनाने में मदद करने में केवीके के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश की बढ़ती जनसंख्या और कम होती भूमि एवं जल संसाधनों जैसी कृषि चुनौतियों पर काबू पाने के लिए केवीके से हस्तक्षेप की मांग की। 

कृषि विज्ञान केंद्र

  • भारत में कृषि विज्ञान केंद्र (फार्म साइंस सेंटर) प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की एक अनूठी प्रणाली है।
  • पहला केवीके आईसीएआर 21 मार्च 1974 को पुडुचेरी में स्थापित किया गया था।

उद्देश्य 

  • नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी के विकास एवं उसके त्वरित विस्तार और अंगीकरण के बीच के समय अंतराल को कम करने की दृष्टि से किसानों के साथ सरकारी विभागों जैसे-कृषि/बागवानी/मत्स्य/पशु विज्ञान और गैर-सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं के समक्ष प्रदर्शन का आयोजन करना ।
  • किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के अनुसार प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और सत्यापन करना।
  • किसानों/कृषक महिलाओं, ग्रामीण युवकों और प्रक्षेत्र स्तर पर कार्यरत  प्रसारकर्ताओं को ‘क्रिया मूलक शिक्षण’ और ‘क्रिया मूलक ज्ञान’ पद्धति से प्रशिक्षण प्रदान करना।

FAQs

2024 में आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) किस दिनांक को अपनीं स्वर्ण जयंती मना रहा है?

21 मार्च 2024।

आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) की स्थापना किस वर्ष की गई?

1974 में।

भारत के किस शरर में पहला आईसीएआर-कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) स्थापित किया गया था?

पुडुचेरी में।

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