ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो पाने वाले पहले विदेशी नेता बने पीएम मोदी।
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक द्वारा भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेता हैं जिन्हें ये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है।
ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो समारोह के मुख्य बिंदु
- यह पुरस्कार भूटान की राजधानी थिम्पू के ताशिचो द्ज़ोंग पैलेस में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया।
- भूटान के राजा ने दिसंबर 2021 में थिम्पू में आयोजित भूटान के 114वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान ये पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी।
- ये पुरस्कार भारत-भूटान के सम्बन्धों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान और भूटानी राष्ट्र और लोगों के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए प्रधानमंत्री मोदी सम्मानित किया गया है ।
- ये पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उभार का सम्मान करता है और भारत के साथ भूटान के विशेष बंधन को सेलिब्रेट करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने भारत को परिवर्तन के पथ पर अग्रसर किया है और भारत का नैतिक आधिपत्य और वैश्विक कद बढ़ा है।
- ये भूटान का सर्वोच्च सम्मान है तथा इस पुरस्कार को लाइफटाइम अचीवमेंट के एक अलंकरण के तौर पर स्थापित किया गया था और यह भूटान में दिए गये सभी सम्मानों, अलंकरणों और पदकों में सर्वोपरि है।
पीएम मोदी का भूटान दौरा
- प्रधानमंत्री मोदी, 22 से 23 मार्च 2024 तक भूटान के दो दिवसीय यात्रा पर है।
- इस यात्रा का उद्देश्य भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ को बढ़ावा देना है।
- 22 मार्च को थिंपू में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की।
- इस दौरान पीएम मोदी ने थिम्भू में ग्यालत्सुएन जेत्सुन पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का उद्घाटन किया।
- 22 मार्च भारत और भूटान ने ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल संपर्क, अंतरिक्ष और कृषि के क्षेत्र में कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और दोनों देशों के बीच रेल संपर्क संबंधी समझौते को अंतिम रूप दिया।
Note : भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने पहली विदेश यात्रा के दौरान (14-18 मार्च 2024) भारत का दौरा किया।
भारत-भूटान संबंध
- भारत और भूटान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध हैं।
- भूटान वर्ष 1971 में सयुंक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना,वर्ष 1973 में गुटनिरपेक्षता का सदस्य बना,वर्ष 1977 में भारत ने भूटान के दूतावास का दर्जा बढाया।
- भारत-भूटान सम्बन्धों की शुरूआत वर्ष 1865 की सिनचुला संधि से हुई, इस संधि के द्वारा भूटान को एक तरह से भारत की एक रियासत का दर्जा प्रदान किया गया था, यह संधि भूटान और ब्रिटिश भारत के मध्य हुई थी।
- वर्ष 1910 में दोनों देशों के मध्य पुनरवा की संधि हुई।
- वर्ष 1949 में दोनों देशों के बीच पुनः दार्जिलिंग संधि हुई।
- वर्ष 2007 में भूटान के राजा जिग्में सिंग्ये खेसर नामग्येल वांगचुन ने भारत यात्रा पर मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए।
भूटान के बारे में
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा: भारत, चीन
- राजधानी: थिम्पू
- मुद्रा: नागुलट्रम
- भाषा: ज़ोंगखा
- राजा: जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक
- प्रधान मंत्री: शेरिंग टोबगे
FAQs
ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो पाने वाले पहले विदेशी नेता कौन है?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।
ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो किस देश से संबंधित है?
भूटान।
किस नीति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने 22 से 23 मार्च 2024 को भूटान का दौरा किया?
नेबरहुड फर्स्ट नीति।
भूटान के राजा का नाम क्या है, जिन्होंने पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित किया?
खेसर नामग्याल वांगचुक।
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