डिजिलॉकर एकीकरण के साथ आईएएफ ने की डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत
26 अप्रैल को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण करके एक डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत की।
आईएएफ के डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत
आईएएफ के डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत के इस औपचारिक कार्यक्रम का आयोजन वायु मुख्यालय, वायु भवन में किया गया। इसमें डिजिलॉकर की सुरक्षित और सुलभ दस्तावेज़ रिपॉजिटरी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर वायु सेना के सहायक प्रमुख (पीओ) एयर वाइस मार्शल फिलिप थॉमस और एनईजीडी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौदयोगिकी मंत्रालय के अध्यक्ष और सीईओ श्री आकाश त्रिपाठी ने हस्ताक्षर किए।
आईएएफ और MEITy का यह प्रमुख एकीकरण दोनों तरह के वायु सेना कर्मियों (सेवारत और सेवानिवृत्त) के महत्वपूर्ण सेवा दस्तावेजों को डिजिटल रूप से जारी, प्राप्त करने और सत्यापित करने के तरीके में तकनीकी बदलाव लाएगा। वायु सेना अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके डेटा सुरक्षा, परिचालन दक्षता और सूचना तक निर्बाध पहुंच के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- अब अधिकृत वायु सेना के विभाग और डिवीजन, सुरक्षित भंडारण व आसान पहुंच सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय डिजिलॉकर रिपॉजिटरी में डिजिटल रिकॉर्ड, प्रमाण पत्र और महत्वपूर्ण दस्तावेज अपलोड करने में सक्षम होंगे।
- आईएएफ अधिकारियों के पास अपने व्यक्तिगत डिजिलॉकर वॉलेट के माध्यम से सेवा प्रमाणपत्र (सीओएस) और सर्विस बुक ऑफिसर (एसबीओ) जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों तक सीधी पहुंच होगी, जिससे सुविधाजनक पुनर्प्राप्ति और सत्यापन सक्षम होगा।
- भारतीय वायुसेना के भीतर, डिजिलॉकर के साथ एकीकरण विभिन्न प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा, जिसमें अग्निवीर वायु भर्ती भी शामिल है। इससे उम्मीदवार के शैक्षणिक दस्तावेज सत्यापन डिजिटल रूप से करने से पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
डिजिलॉकर के बारे में
डिजीलॉकर, एक भारतीय डिजिटलीकरण ऑनलाइन सेवा है। यह इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपनी डिजिटल भारत पहल के तहत प्रदान की जाती है। इस पर वर्तमान में 269 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता और 6.73 बिलियन दस्तावेज सुरक्षित है। डिजिलॉकर तेजी से डिजिटल दस्तावेज़ विनिमय मंच के लिए एक राष्ट्रीय मानक के रूप में उभर रहा है।
डिजिलॉकर
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