केएबीआईल ने सीएसआईआर-एनजीआरआई के साथ समझौता किया
हाल ही में, खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईल) ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों से जुड़ी परियोजनाओं और गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से भूभौतिकीय जांच के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- एनजीआरआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए है।
मुख्य बिंदु
- यह सहयोग भूभौतिकी, भू-रासायनिक और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, डेटा विश्लेषण, व्याख्या और मॉडलिंग, वैज्ञानिक जानकारियों को साझा करने, तकनीकी सहयोग और सलाहकार सेवाओं पर केंद्रित होगा।
- भुवनेश्वर स्थित नालको के कॉर्पोरेट कार्यालय में नालको के निदेशक (वाणिज्यिक) और केएबीआईल के सीईओ श्री सदाशिव सामंतराय और सीएसआईआर-एनजीआरआई के निदेशक डॉ. प्रकाश कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर नालको के सीएमडी और KABIL के चेयरमैन श्री श्रीधर पात्रा भी उपस्थित रहे।
- इस सहयोग से KABILकी परियोजनाओं में नवाचार और कदम उठाने योग्य अंतर्दष्टि को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईल) के बारे में
- स्थापना: वर्ष 1972
- भारत सरकार के खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
- KABIL भारत सरकार के खान मंत्रालय के तहत आने वाले तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नालको), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (MECL) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
KABIL के कार्य:
- विदेशों में खनिज अन्वेषण और उत्खनन परियोजनाओं में निवेश करना।
- विभिन्न खनिज संसाधनों जैसे कोयला, लौह अयस्क, एल्युमिनियम, सोना, तांबा आदि की खोज और उत्खनन करना।
- खनिज अन्वेषण और उत्खनन परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों के लिए संयुक्त उद्यम साझेदारी बनाना।
- देश में खनिज संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- भारत की खनन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी खनिज आयात का कार्य करना।
राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के बारे में
- स्थापना: वर्ष 1961
NGRI के मुख्य कार्य:
- भूभौतिकीय तकनीकों का उपयोग करके भूगर्भीय संरचनाओं, खनिजों, पानी और हाइड्रोकार्बन संसाधनों का अन्वेषण करना।
- भूकंप, सुनामी, भूस्खलन और नदी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मूल्यांकन और बचाव के लिए शोध करना।
- पृथ्वी के आंतरिक संरचना और गतिशीलता का अध्ययन करना।
- भूवैज्ञानिक, पर्यावरणीय और भू-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनुसंधान करना।
- देश के संसाधन अन्वेषण, विकास और प्रबंधन के लिए भूभौतिकीय उपकरणों और तकनीकों का विकास करना।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के बारे में
- स्थापना: वर्ष 1942
- भारत का प्रमुख अनुसंधान और विकास संगठन है।
- यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन काम करता है।
- CSIR का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्र में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
- यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे रसायन, जैव-प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संपूरक चिकित्सा पर अनुसंधान करता है।
- सोसायटी फॉर इनोवेटिव एंड एप्लाइड रिसर्च (SIN), रिसर्च इनोवेशन कमीटी और न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव जैसी योजनाएं CSIR द्वारा शुरू की गई हैं।
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