कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोलकाता में भारत के पहले अंडरवाटर मेट्रो मार्ग का उद्घाटन किया गया।
- कोलकाता की अंडरवॉटर मेट्रो का निर्माण हुगली नदी के नीचे कराया गया है।
- 16.5 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर सॉल्ट लेक शहर से जोड़ती है।
- यह सेवा कोलकाता और हावड़ा के जुड़वां शहरों को जोड़ेगी।
- अंडरवाटर मेट्रो टनल कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के हावड़ा मैदान- एस्प्लेनेड सेक्शन का एक हिस्सा है, जो हुगली नदी के नीचे 4.8 किमी की दूरी तय करेगी।
- भारत की नदी के नीचे यह पहली परिवहन सुरंग है। इस सुरंग की लंबाई 520 मीटर है। अप व डाउन लाइन के लिए दो सुरंगें तैयार की गई है।
- इस सुरंग द्वारा मेट्रो को नदी पार करने में एक मिनट से कम का समय लगेगा। इसके अलावा यह यह देश की सबसे गहरी (30 मीटर) सुरंग भी है।
- इस मेट्रो सेवा के छह में से तीन स्टेशन भूमिगत होंगे।
- इस परियोजना की कुल लागत 4,965 करोड़ रुपये है, जिसे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से ऋण के माध्यम से वित्त पोषित किया गया है ।
- इस परियोजना के निर्माण के साथ ही भारत ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और तुर्की जैसे उन देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है जिनके पास पानी के नीचे मेट्रो प्रणाली है ।
- इस महत्वाकांक्षी परियोजना का सफल समापन शहरी गतिशीलता चुनौतियों के समाधान में नवीन समाधानों के महत्व को रेखांकित करता है।
कोलकाता मेट्रो का इतिहास:
- कोलकाता मेट्रो भारत के पश्चिम बंगाल में कोलकाता शहर और व्यापक कोलकाता महानगर क्षेत्र को सेवा प्रदान करने वाली एक तीव्र पारगमन प्रणाली है।
- यह भारत में पहला परिचालन रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है, जो 1984 में शुरू हुआ एवं जनवरी 2023 तक भारत में दूसरा सबसे व्यस्त और चौथा सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क है ।
- इसकी चार परिचालन लाइनें हैं, जिनकी कुल लंबाई 59.38 किमी और 48 स्टेशन हैं, और तीन अन्य लाइनें निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।
- इस प्रणाली का स्वामित्व और संचालन मेट्रो रेलवे, कोलकाता और कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाता है।
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