इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन-PMO) के मध्य दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध
हाल ही में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय और आयुष मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने शाहिद बेहिश्ती पोर्ट टर्मिनल, चाबहार के विकास के लिए दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध के हस्ताक्षर समारोह का साक्षी बनने के लिए चाबहार, ईरान का दौरा किया गया।
मुख्य बिंदु
- इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन- PMO) के मध्य दीर्घकालिक मुख्य अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया।
- दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे तथा अफगानिस्तान और व्यापक मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के प्रवेश द्वार के रूप में चाबहार का महत्व भी उजागर होता है।
- केंद्रीय मंत्री ने ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री महामहिम मेहरदाद बज्रपाश, के साथ सार्थक द्विपक्षीय बैठक की।
- दोनों मंत्रियों ने सम्पर्क (कनेक्टिविटी) पहल में द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ बनाने एवं चाबहार बंदरगाह को क्षेत्रीय सम्पर्क केंद्र (रीजनल कनेक्टिविटी हब) बनाने के लिए अपने नेताओं की साझा दूर दृष्टि पर विचार विमर्श किया।
इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) के बारे में
- भारत सरकार के नौवहन मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम है।
- IPGL की स्थापना 2015 में भारतीय बंदरगाहों में अवसंरचना विकसित करने और प्रदान करने के लिए की गई थी।
- इसका प्रमुख उद्देश्य भारत और विदेश में बंदरगाहों में अवसंरचना परियोजनाएं स्थापित करना और प्रबंधित करना है।
- IPGL समुद्री और बंदरगाह अवसंरचना परियोजनाओं, समुद्री ईंधन आपूर्ति, डोकिंग सुविधाओं और कंटेनर परिचालन जैसी संबद्ध गतिविधियों में शामिल है।
- चाबहार बंदरगाह (ईरान), गंगावरम पोर्ट (आंध्र प्रदेश) और पारादीप बंदरगाह (ओडिशा) में विकास गतिविधियां इसकी प्रमुख परियोजनाएं हैं।
- IPGL ने विदेशों में परियोजनाएं स्थापित करने के लिए विभिन्न देशों के बंदरगाह प्राधिकरणों के साथ समझौता किया है।
- इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है और इसके अध्यक्ष प्रबंध निदेशक नौवहन मंत्रालय द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
बंदरगाह और समुद्री संगठन (पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन-PMO) के बारे में
- PMO की स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी।
- भारत सरकार के नौवहन मंत्रालय के अधीन एक महत्वपूर्ण निकाय है।
- इसकी मुख्य भूमिका भारतीय बंदरगाहों और समुद्री परिवहन प्रणाली का समग्र विकास, नियमन और प्रबंधन करना है।
चाबहार बंदरगाह परियोजना
- चाबहार बंदरगाह परियोजना का विकास भारत-ईरान की एक प्रमुख परियोजना है।
- चाबहार बंदरगाह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में अरब सागर के किनारे स्थित है।
- भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने वर्ष 2016 में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- भारत ने चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
लाभ और महत्व:
- यह बंदरगाह भारत को अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरोप के लिए एक प्रमुख व्यापारिक गेटवे प्रदान करेगा।
- इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत अपनी ‘कनेक्टिंग द महासागर’ नीति को आगे बढ़ा सकेगा।
- यह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का विकल्प प्रदान करेगा।
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