खनन स्टार्ट-अप वेबिनार: खनन और खनिज प्रसंस्करण में अनुसंधान एवं नवाचार प्रोत्साहन के लिए
10 अप्रैल 2024 को भारत सरकार के खान मंत्रालय ने खनन स्टार्ट-अप वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार का उद्देश्य खनन और खनिज प्रसंस्करण में अनुसंधान एवं नवाचार का प्रोत्साहन करना है।
खनन स्टार्ट-अप वेबिनार
इस विशेष वेबिनार का उद्घाटन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने किया। मुख्य भाषण खान सचिव वीएल कान्ता राव ने दिया। खनन और खनिज प्रसंस्करण में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के अवसरों को जानने के उद्देश्य से खनन स्टार्ट-अप वेबिनार में खनन और धातु क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप, एमएसएमई और व्यक्तिगत नवाचारियों (लगभग 200 से अधिक प्रतिभागियों) ने भाग लिया।
इस वेबिनार में प्रतिभागियों ने खनन और खनिज प्रसंस्करण में नवीनतम रुझानों, चुनौतियों तथा अवसरों पर गहन विचार-विमर्श किया। जेएनएआरडीडीसी की निदेशक डॉ. अनुपम अग्निहोत्री ने एसएंडटी -पीआरआईएसएम के कामकाज और दिशानिर्देशों पर प्रस्तुति दी। वेंचर कैपिटल और वेदांता स्पार्क इनिशिएटिव्स के हेड- कॉर्पोरेट अमितेश सिन्हा तथा बिड़ला कॉपर (आदित्य बिड़ला ग्रुप) के सीईओ और बिजनेस हेड रोहित पाठक ने खनन क्षेत्र में स्टार्टअप के साथ कार्य करने के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। इनके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे के प्रोफेसर असीम तिवारी ने खनन क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका के बारे में जानकारी प्रदान की।
एसएंडटी-पीआरआईएसएम में एमएसएमई में अनुसंधान और नवाचार प्रोत्साहन कार्यक्रम
नवंबर, 2023 में मंत्रालय ने “स्टार्ट-अप में अनुसंधान और नवाचार संवर्धन तथा खनन, खनिज प्रसंस्करण, धातु विज्ञान और रिसाइक्लिंग क्षेत्र (एसएंडटी-पीआरआईएसएम) में एमएसएमई में अनुसंधान और नवाचार प्रोत्साहन” कार्यक्रम लॉन्च किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खनन और औद्योगिक एप्लिकेशनों के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्ट अप तथा एमएसएमई में अनुसंधान और नवाचार को निधि उपलब्ध कराना है।
एसएंडटी-पीआरआईएसएम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी जवाहरलाल नेहरू एल्यूमिनियम अनुसंधान एवं डिजाइन केन्द्र, नागपुर है। हाल ही में जेएनएआरडीडीसी ने एसएंडटी-पीआरआईएसएम कार्यक्रम के अंतर्गत नए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इनकी समय सीमा 30 अप्रैल, 2024 निर्धारित की गई है।
जवाहरलाल नेहरू एल्यूमिनियम अनुसंधान एवं डिजाइन केन्द्र, नागपुर।
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें