उषाकोठी वन्य अभयारण्य: एक परिचय
उषाकोठी वन्य अभयारण्य (Ushakothi Wildlife Sanctuary) को बडरमा वन्य अभयारण्य (Badrama Wildlife Sanctuary) के नाम से भी जाना जाता है। यह वन्य अभ्यारण्य ओड़िशा राज्य के सम्बलपुर ज़िले में स्थित है।
उषाकोठी वन्य अभयारण्य के बारे में
इस अभ्यारण्य की स्थिति, भौगोलिक विशेषताएं, वन्यजीव, प्राकृतिक संसाधन, विस्तार और वनस्पति आदि से संबंधित मुख्य बिंदुओं को यहां लिखा गया है:
- उषाकोठी वन्य अभयारण्य की स्थापना 1987 में की गई थी।
- यह 6 नंबर जातीय राजपथ पर सम्बलपुर से 45 किलोमीटर दूर है।
- इसके समीप हीराकुद बाँध (पूरब दिशा में) है।
- पुष्प विविधता में नीम, बबूल, साल, चंदन, अर्जुन और कैसुरिनास जैसे पेड़ शामिल हैं।
- अभ्यारण्य के इन पेड़ों की लकड़ी का उपयोग आम तौर पर फर्नीचर बनाने में किया जाता है।
- पश्चिम में यह घंच जंगल से घिरा हुआ है।
- उषाकोठी अभयारण्य का आयतन 304 बर्ग किलोमीटर है।
- दो नदियां वर्धा और पोंगाना इसके भीतर से बहती है।
- प्राचीन समय में महामुनि बसिस्ठ उषकोठी जंगल में अपना आश्रम बनाया था। इसलिए पोंगाना नदी को बसिस्ठ नदी के नाम से भी जाना जाता है।
अतः यह कहा जा सकता है कि आदिवासी प्रमुखों द्वारा बसाया हुआ उषाकोठी अभ्यारण वन्यजीवों के लिए एक वास्तविक स्वर्ग है। विचित्र जीवों की बड़ी आबादी इस जगंल की सरण में रहते हैं, इनमें बाघ और पैंथर भी शामिल है। पैंथर्स को कुछ वर्गीकरणों में फेलिस वंश का सदस्य माना जाता है। ये मुख्य रूप से रात्रिचर होते हैं। इनके अलावा इस अभ्यारण्य में 15 बाघ, 35 हाथी, चीतल और नीलगाय आदि जीव हैं। यहां स्लॉथ भालू दुर्लभ है जो कभी-कभी के समय में दिख जाते है।
सम्बलपुर।
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