राष्ट्रीय डेंगू दिवस – 16 मई
- प्रतिवर्ष 16 मई को सम्पूर्ण भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय डेंगू दिवस का आयोजन किया जाता है।
- राष्ट्रीय डेंगू दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों के मध्य डेंगू के विषय में जागरूकता पैदा करना है।
डेंगू के बारे में
- डेंगू के वायरस का मुख्य वाहक एडीज़ एजिप्टी मच्छर (Aedes Aegypti Mosquito) होता है।
- डेंगू दो मच्छरों एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से फैलता है।
- डेंगू एक मच्छर जनित उष्णकटिबंधीय बीमारी है जो डेंगू वायरस (जीनस फ्लेवीवायरस) के कारण होती है, इसका प्रसार मच्छरों की कई जीनस एडीज (Genus Aedes) प्रजातियों मुख्य रूप से एडीज़ इजिप्टी (Aedes aegypti) द्वारा होता है।
- यह मच्छर चिकनगुनिया (Chikungunya), पीत ज्वर (Yellow Fever) और जीका संक्रमण (Zika Infection) का भी वाहक है।
- एडीज अल्बोपिक्टस पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाओं, उत्तर-पूर्वी राज्यों और निम्न हिमालय में सक्रिय है।
- वर्तमान में, एडीज एजिप्टी दक्षिणी प्रायद्वीप, पूर्वी समुद्र तट, उत्तर-पूर्वी राज्यों और उत्तरी मैदानों में अधिक प्रचलित है।
- डेंगू शहरी गरीब क्षेत्रों, उपनगरों और ग्रामीण इलाकों में पनपता है लेकिन उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय देशों में अधिक समृद्ध पड़ोसी देशों को भी प्रभावित कर सकता है।
- डेंगू संचरण तीन प्रमुख कारकों- वर्षा, आर्द्रता और तापमान के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है, जो भौगोलिक क्षेत्रों को निर्देशित करते हैं जिसमें डेंगू फैलता है और संचरित होता है।
- डेंगू संक्रमण का निदान रक्त परीक्षण से किया जाता है तथा इसके संक्रमण के इलाज हेतु कोई विशिष्ट दवा नहीं है।
- इसके बचाव हेतु प्रत्येक व्यक्ति को अपने आस-पास का स्थान साफ-सुथरा रखना चाहिए और कहीं पर भी पानी का जमाव नहीं होने देना चाहिए। कूलर्स की सप्ताह में कम-से-कम एक बार सफाई की जानी चाहिए। लोगों को मच्छरदानी और मच्छरों को भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करने की सलाह भी दी गई है।
राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में
- शुरुआत: वर्ष 2003-04
- ‘राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ भारत में छह वेक्टर जनित बीमारियों जिसमें मलेरिया, डेंगू, लिम्फैटिक फाइलेरिया, काला-जार, जापानी इंसेफेलाइटिस और चिकनगुनिया शामिल हैं, की रोकथाम तथा नियंत्रण हेतु एक केंद्रीय नोडल एजेंसी है।
- यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
- इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वेक्टर जनित रोगों जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, लिम्फेटिक फिलेरियासिस, कालाअजार आदि को नियंत्रित और उन्मूलन करना है।
राष्ट्रीय वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत कब हुई?
वर्ष 2003-04
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