पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 जून, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य देश भर में प्रशिक्षण संस्थानों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री संबोधन भी करेंगे। इस सम्मेलन में देश भर के प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इससे प्रशासनिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण अवसंरचना को मजबूत करने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासनिक सेवा के क्षमता निर्माण के माध्यम से, देश में शासन प्रक्रिया और नीति कार्यान्वयन में सुधार के समर्थक रहे हैं। इस विज़न के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय प्रशासनिक सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) – ‘मिशन कर्मयोगी’ की शुरुआत की गई है। ताकि सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ, भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रशासनिक सेवा तैयार की जा सके। यह सम्मेलन भी इसी दिशा की ओर एक कदम है।
पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन में क्या होगा?
राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन में केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों, क्षेत्रीय और मंडल प्रशिक्षण संस्थानों तथा अनुसंधान संस्थानों सहित प्रशिक्षण संस्थानों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। विचार-विमर्श में केंद्र सरकार के विभागों, राज्य सरकारों, स्थानीय सरकारों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी भाग लेंगे।
इस सभा में विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलने के साथ चुनौतियों और उपलब्ध अवसरों की पहचान की जाएगी। क्षमता निर्माण के लिए कार्रवाई योग्य समाधान भी पेश करने के साथ व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी। सम्मेलन में 8 पैनल चर्चाएँ होंगी, जिनमें से प्रत्येक प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण संस्थानों से संबंधित प्रमुख विषयों; जैसे संकाय विकास, प्रशिक्षण प्रभाव मूल्यांकन और कंटेंट डिजिटलीकरण आदि पर ध्यान केंद्रित करेगी।
मिशन कर्मयोगी क्या है?
मिशन कर्मयोगी, दुनिया में सरकारी संगठनों में सबसे बड़ी क्षमता निर्माण पहलों में से एक है। इसका उद्देश्य प्रभावी और कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए सद्भाव में काम करते हुए भारतीय लोकाचार में निहित एक सक्षम सिविल सेवा बनाना है। वर्ष 2020 में भारत के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मिशन कर्मयोगी को अनुमोदित किया गया था। यह भारतीय सिविल सेवक को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, नवीन, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करने पर केंद्रित है।
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