विश्व थैलेसीमिया दिवस: 8 मई
प्रतिवर्ष 08 मई को विश्व भर में ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक विकार और इससे पीड़ित रोगियों के संघर्ष के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है।
यह दिवस पीड़ितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये समर्पित डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों तथा इस रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों का भी सम्मान करता है।
थैलेसीमिया के बारे में
- थैलेसीमिया एक विरासतगत रक्त विकार है, जो रक्त के लाल कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- इसमें रक्त कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं ले जाती हैं, जिससे शरीर के अंगों को ऑक्सीजन की कमी होती है।
- थैलेसीमिया मेजर, थैलेसीमिया इंटरमीडिया और थैलेसीमिया माइनर इसके प्रमुख प्रकार हैं।
- यह विकार वंशानुगत है और दोनों माता-पिता से थैलेसीमिया जीन मिलने पर बच्चे को होता है।
- थैलेसीमिया की जांच और प्री-नेटल जांच से गर्भावस्था से पहले ही रोग का पता लगाया जा सकता है।
- इस स्थायी रक्त विकार के कारण रोगी के लाल रक्त कणों (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है, जिसके कारण एनीमिया हो सकता है और रोगियों को जीवित रहने के लिये हर दो से तीन सप्ताह बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
- रोग की गंभीरता जीन में शामिल उत्परिवर्तन और उनकी अंतःक्रिया पर निर्भर करती है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 थीम
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 की थीम “जीवन को सशक्त बनाना, प्रगति को गले लगाना: सभी के लिए न्यायसंगत और सुलभ थैलेसीमिया उपचार।” (”Empowering Lives, Embracing Progress: Equitable and Accessible Thalassaemia Treatment for All.”) है।
इतिहास
- थैलेसीमिया एक गंभीर विरासतगत रक्त विकार है, जिसकी खोज 1925 में की गई थी। लेकिन इसके बारे में जागरूकता बहुत कम थी।
- वर्ष 1994 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने थैलेसीमिया के खिलाफ एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया।
- 8 मई 1994 को WHO ने पहली बार “विश्व थैलेसीमिया दिवस” मनाने की घोषणा की।
FAQs
08 मई।
1994 में।
इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।